Wednesday, 13 December 2017

क्या है सिद्धि ओर साधक क्या है गुरुइष्ट कृपा..

आध्यात्मिक मे जब तक आप अपने इष्ट ओर गुरु कृपा से पुणे मंत्र विधान ओर क्रिया ना कर लो
मणिकणिका घाट
जब तक किसी का आश्वासन ना दे ना किसी की क्रिया का काट करे क्योंकि गुरु मंत्र आपका बह्मास्त्रा हो सकता है पर परिवार वालो का नही ये शक्तियां अच्छी भी होती है बुरी भी इसलिए आध्यात्मिक या तंत्र मे अगर आप सांसारिक ओर आध्यात्मिक मे जी रहे है तो दो चीजो का आप हमेशा ध्यान रखे पहली अपनी ओर अपनो की सुरक्षा दुसरी अपने घर बार की सुरक्षा अगर गुरु पदाति से कुछ क्रिया या मंत्र मिला हो तो उसका मानसिक जप ओर क्रिया कम से कम महीने मे एक बार अपने घर ओर कारोबारी वाली जगह पर होनी चाहिए या जब तक पहले अपने भौतिक जीवन की सारी सुविधा को पुणे कीजिये फिर आध्यात्मिक मे पुरी तरह से आ जाये ओर जितना सुरक्षा मंत्र ओर गुरु मंत्र का जाप ओर अनुसरण जितना हो सके करे उतना ही अच्छा है बाकी गुगल गुरु कई मिलेगे पर एक से बढकर एक भविष्यवक्ता पर गुरु ग्यान ओर क्रिया कही से नही मिलेगी यही सत्य है,,
भविष्य वाणी जिसकी फेल हो जाये ओर साल दो साल मे जो भविष्यवक्ता हो ,तो कहना ही क्या जो आजकल कई भविष्यवक्ताओ को हम फेसबुक ओर वाटसअप पर देख चूके है कई बंदे ने सौ से ज्यादा भविष्यवाणीयाँ  की होगी पर जिसमे मे से मौसम की जानकारी जी टीवी न्यूज मे होती है वो ही सत्य साबित हुयी इसके अलावा अपनी पोस्ट को जो भविष्यवाणी फेल होते ही खुद रिमुव करते उनका तो कहना ही क्या गुरु कृपा ओर गुरु भक्ति मे रात दिन का फर्क है जो गुरु भक्ति को समझा वो ही शिष्य जो प्रचार मे रहा ओर जो शिष्य नही माने उनको भी गुरु कहे उनका तो क्या कहना बाकी जय हो गूगल ओर वाटसअप गुरुजनो की हम तो आप सभी से इतना ही कहना चाहते है कि बिना सोचे समझे कोई कार्य ना करे अच्छा है वो ही आपके हित मे तंत्र ओर आध्यात्मिक भक्ति उपासना सिद्धि तंत्र क्रिया एक नंगी तलवार है ओर उस पर चलना ना चलना ये आपकी इच्छा है ओर अच्छा करना बुरा करना आपके ऊपर है भुगतान यही करके जाना है भुगत कर या भुगता कर यही सच है नही किया तो कर के देखो साधक पर जिन शक्तियो की कृपा होती है वो शक्तियां उसके ओर उसके परिवार की उसको मानने वालो को जीवन भर रक्षा करती है पर उसमे भी गुरु इष्ट योग क्रिया उतम कार्य करती है यही आध्यात्मिक का पुणे सत्य है गृहस्थ साधक को शाक्त को शक्ति से उर्जा मिलती है अब उस उर्जा का प्रयोग कहाँ करता है ये शाक्त ही अच्छी तरह कर सकता है पर नारी से दुर बुरे विचारो से दुर इन सभी को अपनो से दुर करने यही साधक की निशानी है बाकी जैसा आपको समझ मे आये करे आगे माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा आज बस इतना ही नादान बालक की कलम से ॐ नमो सिद्धाये,, 

जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
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