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Thursday, 28 December 2017

असली सनातन है क्या ओर क्या है आध्यात्मिक

जब तक कोई सनातनी अपने अंदर से सनातनी होकर भी जाति भेद रंग भेद छुआ छूत नही मिट सकता जब तक सनातन धर्म भी उसको स्वीकार करने मे असमर्थ है सनातन आध्यात्मिक उससे कई ऊपर है क्योंकि जहाँ सभी भेद मिट जाते है पर यहाँ आजकल जाति का बोल बाला है पता नही क्यू वो आध्यात्मिक को अपनी जाति से चलाना चाहाते है जबकि उनको पता होता है आध्यात्मिक मे जाति भेद की आवश्यकता नही है पर फिर भी आज भी सनातन धर्म ऐसे कई सिद्ध है जो आम आदमी की तरह
किसी को कुछ भी काम करो या राह दिखाये तो उसको यही सोचना होता है कि ये राह दिखा रहा है तो उस पर हम क्यू चले यही चला जाये।।।।
*।। जैसे थाली मे खाना परोस दिया हो ओर कोई अपने हाथ से नही वो भी भोजन बनाने वाला ही खिलाये गजब है।।*
सारी दुनिया एक सी नही होती है पर आध्यात्मिक मे रहने वाले के लिये सनातन ही उसकी पुरी दुनिया होती है हमसे कोई सहमत हो या नही हम किसी से नाराज नही ओर जरूरी नही कि आप सभी हमारी बात पर गौर करे गुरु प्रथा या गुरु क्रिया गुरु गादी गुरु स्थान भी कोई चीज होती है कम से कम उनका अनुसरण तो करे गुरू को आत्मा से अपनावो आत्मा जाति भेद नही देखती कोई कुछ कार्य देता है तो उसको पुणे विश्वास ओर आस्था से किजिये उसमे सफलता जरूर मिलेगी,
*'बिना मिले किसी के बारे मे कोई राय कायम मत किजिये ओर शब्दो का कोपी हो सकती है पर आचरण की नही यही सत्य है,*
बाकी आप सभी आध्यात्मिक विद्धवान है आप सभी के सामने हम कुछ भी नही पर आजकल ज्योतिष ओर मंत्र ज्योतिष ऐस्ट्रो ,तांत्रिक, मांत्रिक साधक भक्त के रूप मे इनके बदनाम करने वाले कई जगह सफेदपोश घुम रहे है आप पहले उनको परखे फिर आगे कोई बात करे ओर जिनकी जीविका ही आध्यात्मिक पर है तो उनको उचित मेहनताना दिया जाना चाहिए चाहे वो ऐस्ट्रो हो या हो कुण्डलीज्योतिष मंत्रज्योतिष या तांत्रिक मांत्रिक यात्रिक या हो भक्त या साधक उपासक पर किसी ओर का रोना इनके सामने रोया जाये यह भी उचित नही बीमार होने पर डाक्टर की फीस होती है तो ये अपना समय ओर उर्जा आपके लिए खर्च करते है ओर आपका काम होने के बाद आपके लिये ये बुरे हो जाते है ओर हम आप सभी आध्यात्मिक वालो से प्रार्थना करना चाहते है कि आध्यात्मिक उर्जा वहाँ खर्च करे जो आपकी बात मानते हो जहाँ बात नही मानी जाती वो केस हाथ मे लेना ही नही चाहिए पर आज का रोगी यही चाहाता है कि हलवा भी वो बनाये ओर हमे खिलाये भी वो ही बस सीधा हलवा उनके मुंह मे डाल दो वो लेटकर खाये जय हो ऐसे संतो की चलो कोई ना जाने दो आगे उनके कर्म है सभी को चमत्कार चाहिए धैर्य नही यही आज का सच है ,नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी बाकी माँ बाबा की इच्छा ओर कृपा हमारी बात अच्छी लगे हो तो शेयर करे बिना कांट छांट के बाकी किसी को बुरी लगी हो तो नजरअंदाज करे इस नादान बालक पर कृपा करे।।।

जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।।।
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