उदय किसी का अचानक नही होता सूर्य देव भी धीर धीर निकलते है ओर ऊपर उठते है
धैर्य ओर तपस्या जिसमे है वही संसार को प्रकाशित कर सकता है उसी तरह जो अपने आपको आध्यात्मिक मे पुरी तरह ढाल लेता है या पुणे रूप से समर्पित कर देता है उसके लिए समय सीमा महत्व नही रखती आध्यात्मिक मे आने के लिए या साधना, उपासना करने के लिए कोई समय सीमा नही होती इस दुनिया मे ग्यान का अथाह भण्डार है उसको समझने के लिये आज कलियुग के सौ जन्म भी कम पड़ते है पर अगर गुरु ओर इष्ट की कृपा मिल जाये तो वो चूटकीयो मे हल हो जाते है ओर आध्यात्मिक साधना मे सफलता ओर पुणे ग्यान अर्जित किया जा सकता है आज किसी से भी पुछो की आप आध्यात्मिक मे क्यू आना चाहाते है तो उनका जवाब होता है कि हम अपनी सुरक्षा ओर मिलने वाले की सुरक्षा के लिए आना चाहाते है ओर कोई मोक्ष पाने के लिये आना चाहाते है कोई परी देवी अप्सरा देवी यक्षिणी को पाने की चाहत मे आना चाहाते है क्या आध्यात्मिक का मतलब यही रह गया है क्या आप व्रत उपवास करते हो उसका असली मतलब क्या है क्या किसी को पता है व्रत उपवास आप कर रहे हो ओर भगवान का नाम लगा दोगे की आज उनका दिन है इसलिए मे उपवास रखता हुं या रखती हुं क्या भगवान ने स्वयंम कहाँ है क्या मेरे लिए व्रत उपवास रखो ॠतूं चेंज होती है हर नवरात्रि से तो उपवास आप अपने शरीर के लिये रखते हो व्रत ओर उपवास का मतलब यही है कि आप भूखे रहकर किसी भूखे को खाना खिलाना अपने हिस्से का ना की भगवान पर अहसान करना वो साधना कर लेगे वो मंत्र जप लेंगे उससे क्या हासिल होगा अरे एक बार अपनी अंतरआत्मा को साक्षी मानकर जप कर तो देखो उसकी ऊर्जा को महसूस कर के तो देखो पहले ही फायदे की सोचना यानी पक्का दुकानदार बनना अब सोचो कहाँ है आप का आध्यात्मिक ओर आध्यात्मिक मे केवल मोक्ष की चाह रखने वाले से हमारा यही कहना है कि बिना परोपकार मोक्ष संभव नही है यही सत्य है बाकी आज कल यहाँ वाटसअप ओर फेसबुक ओर गूगल पर घणा ग्यानी महात्मा है अगर इन सभी से भी आप ग्यान लेना चाहो तो शोक से लिजिये पर ग्यान लेने से पहले इन से फेश टू फेश मिल तो लिजिये वहाँ आपकी आत्मा से सवाल किजिये की ये आपको ग्यान दे सकता है या क्या मे सही जगह आया हुं थोडा ध्यान लगाईये अपनी आत्मा पर ओर अपने कुछ क्या काफी सवालो के जवाब सामने वाले के बारे मे आपको मिल जायेगे यही सत्य है बाकी मंदारी तो हर गली मे तमाशा दिखाता है वो आपको सभी जगह मिलेगे हमे इतना ग्यान तो नही पर आध्यात्मिक के नाम पर जो लूट खसोट होती है उसके जिम्मेदार आप स्वयंम है आटा छानकर रोटी बनाते हो पानी छानकर पीते हो कच्चे को पकाकर खाते हो फिर भी आप ठगे जाते है क्यू क्योंकि वहाँ आपका लोभ आप पर हावी था यानि आप कुछ नही बहुत कुछ पाने की आशा मे काफी कुछ गवा बैठते हो खैर हमारा काम है जो राह से भटक चूके है उनको राह दिखाना चमत्कार दिखाना नही कुछ भी भेजो कुछ भी जपो हमेशा उसमे गोपनीयता बनाकर रखे वो आपके हित मे है अपनी कमजोरी का बखान हर जगह ना करे उतना ही अच्छा है जहाँ तक हो सके सनातन धर्म को मजबूत करे ।।
ओर हाँ शायद कल बेवडेबाजो की इकतीस 31, तारीख है जिसको शायद हमारे सभी भाई धूमधाम से मनाते है जबकि सबका पता होता है कि अपना हिन्दू नववर्ष ये नही है फिर भी कुछ मजे के ख़ातिर हजारो अपने ही धर्म को दाव पर लगाते है कोई पच्चीस तारीख को प्लास्टिक के पोधो को पुज रहा था खैर जाने दिजिये हम क्या कर सकते है जब कोई अपनी आत्मा से सवाल नही पुछता चमत्कार कही नही है चमत्कार आपके अंदर ही है अपने अन्दर की ऊर्जा को जाग्रात करे चमत्कार ध्यान मंत्र ओर आध्यात्मिक की असलियत सभी आपके सामने होगी बस नादान बालक की कलम से आज इतना ही बाकी फिर कभी ,ज्यादा कहाँ हो ओर बुरा लगा हो तो माफी चाहाते है अच्छा लगा हो तो शेयर किजिये वरना नजरअंदाज करये बडी वाली कृपा होगी हम पर ।।
जो झुकना जानता है निश्चित ही वो झुकाना भी जानता है, ।
धैर्य वो ओर तपस्या ही आपकी अग्निपरीक्षा है ।।
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।।
धैर्य ओर तपस्या जिसमे है वही संसार को प्रकाशित कर सकता है उसी तरह जो अपने आपको आध्यात्मिक मे पुरी तरह ढाल लेता है या पुणे रूप से समर्पित कर देता है उसके लिए समय सीमा महत्व नही रखती आध्यात्मिक मे आने के लिए या साधना, उपासना करने के लिए कोई समय सीमा नही होती इस दुनिया मे ग्यान का अथाह भण्डार है उसको समझने के लिये आज कलियुग के सौ जन्म भी कम पड़ते है पर अगर गुरु ओर इष्ट की कृपा मिल जाये तो वो चूटकीयो मे हल हो जाते है ओर आध्यात्मिक साधना मे सफलता ओर पुणे ग्यान अर्जित किया जा सकता है आज किसी से भी पुछो की आप आध्यात्मिक मे क्यू आना चाहाते है तो उनका जवाब होता है कि हम अपनी सुरक्षा ओर मिलने वाले की सुरक्षा के लिए आना चाहाते है ओर कोई मोक्ष पाने के लिये आना चाहाते है कोई परी देवी अप्सरा देवी यक्षिणी को पाने की चाहत मे आना चाहाते है क्या आध्यात्मिक का मतलब यही रह गया है क्या आप व्रत उपवास करते हो उसका असली मतलब क्या है क्या किसी को पता है व्रत उपवास आप कर रहे हो ओर भगवान का नाम लगा दोगे की आज उनका दिन है इसलिए मे उपवास रखता हुं या रखती हुं क्या भगवान ने स्वयंम कहाँ है क्या मेरे लिए व्रत उपवास रखो ॠतूं चेंज होती है हर नवरात्रि से तो उपवास आप अपने शरीर के लिये रखते हो व्रत ओर उपवास का मतलब यही है कि आप भूखे रहकर किसी भूखे को खाना खिलाना अपने हिस्से का ना की भगवान पर अहसान करना वो साधना कर लेगे वो मंत्र जप लेंगे उससे क्या हासिल होगा अरे एक बार अपनी अंतरआत्मा को साक्षी मानकर जप कर तो देखो उसकी ऊर्जा को महसूस कर के तो देखो पहले ही फायदे की सोचना यानी पक्का दुकानदार बनना अब सोचो कहाँ है आप का आध्यात्मिक ओर आध्यात्मिक मे केवल मोक्ष की चाह रखने वाले से हमारा यही कहना है कि बिना परोपकार मोक्ष संभव नही है यही सत्य है बाकी आज कल यहाँ वाटसअप ओर फेसबुक ओर गूगल पर घणा ग्यानी महात्मा है अगर इन सभी से भी आप ग्यान लेना चाहो तो शोक से लिजिये पर ग्यान लेने से पहले इन से फेश टू फेश मिल तो लिजिये वहाँ आपकी आत्मा से सवाल किजिये की ये आपको ग्यान दे सकता है या क्या मे सही जगह आया हुं थोडा ध्यान लगाईये अपनी आत्मा पर ओर अपने कुछ क्या काफी सवालो के जवाब सामने वाले के बारे मे आपको मिल जायेगे यही सत्य है बाकी मंदारी तो हर गली मे तमाशा दिखाता है वो आपको सभी जगह मिलेगे हमे इतना ग्यान तो नही पर आध्यात्मिक के नाम पर जो लूट खसोट होती है उसके जिम्मेदार आप स्वयंम है आटा छानकर रोटी बनाते हो पानी छानकर पीते हो कच्चे को पकाकर खाते हो फिर भी आप ठगे जाते है क्यू क्योंकि वहाँ आपका लोभ आप पर हावी था यानि आप कुछ नही बहुत कुछ पाने की आशा मे काफी कुछ गवा बैठते हो खैर हमारा काम है जो राह से भटक चूके है उनको राह दिखाना चमत्कार दिखाना नही कुछ भी भेजो कुछ भी जपो हमेशा उसमे गोपनीयता बनाकर रखे वो आपके हित मे है अपनी कमजोरी का बखान हर जगह ना करे उतना ही अच्छा है जहाँ तक हो सके सनातन धर्म को मजबूत करे ।।
ओर हाँ शायद कल बेवडेबाजो की इकतीस 31, तारीख है जिसको शायद हमारे सभी भाई धूमधाम से मनाते है जबकि सबका पता होता है कि अपना हिन्दू नववर्ष ये नही है फिर भी कुछ मजे के ख़ातिर हजारो अपने ही धर्म को दाव पर लगाते है कोई पच्चीस तारीख को प्लास्टिक के पोधो को पुज रहा था खैर जाने दिजिये हम क्या कर सकते है जब कोई अपनी आत्मा से सवाल नही पुछता चमत्कार कही नही है चमत्कार आपके अंदर ही है अपने अन्दर की ऊर्जा को जाग्रात करे चमत्कार ध्यान मंत्र ओर आध्यात्मिक की असलियत सभी आपके सामने होगी बस नादान बालक की कलम से आज इतना ही बाकी फिर कभी ,ज्यादा कहाँ हो ओर बुरा लगा हो तो माफी चाहाते है अच्छा लगा हो तो शेयर किजिये वरना नजरअंदाज करये बडी वाली कृपा होगी हम पर ।।
जो झुकना जानता है निश्चित ही वो झुकाना भी जानता है, ।
धैर्य वो ओर तपस्या ही आपकी अग्निपरीक्षा है ।।
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश ।।
No comments:
Post a Comment