दीपावली पर क्या करें क्या ना करें
मित्रों जैसा आप जानते हैं कि धनतेरस ,रुप चुतर्दशी और दिपावली पर कई साधानाएं और तांत्रिक टोटको द्वारा भी पुजा विधान किया जाता है कई साधक भक्त अपनी या गुरूओ के वचनों अनुसार पुजा और साधना कर्म करते हैं तो सरलीकरण विधी से आम ग्रहस्थ और साधारण इंसान भी सौम्य साधनाएं और टोटके कर सकते हैं मित्रों धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को आाता है अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह त्योहार 4 नबंबर 2021 गुरुवार को मनाया जाएगा और इसके एक दिन पहले धनतेरस और एक दिन बाद भाईदूज का त्योहार रहेगा ,
मित्रों रात को 12 बजे दीपावली पूजन के बाद चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल तथा छाज (सूप) पर तिलक करें.
पूजा जप तप के दौरान दीपको से काजलो जरूर ले और दीपकों का काजल स्त्री और पुरुष अपनी आंखों पर जरूर लगाएं अपने घरो के मुख्य दरवाजो पर बाहर ॐ या स्वास्तिक जरूर बनाएं,
दीपावली के दूसरे दिन सुबह 4 बजे उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय ‘लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’ कहने की मान्यता है. इससे घर की दरिद्रता दूर होती है ,दिवाली में पूजा के लिए सबसे पहले पूजा का संकल्प लें,
दिवाली के दिन भगवान कुबेर, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती की पूजा मुख्य रूप से करें
एक लकड़ी की चौकी लेकर उसमे लाल कपड़ा बिछाएं
फिर 1 मुट्ठी अनाज चौकी पर रखें और उसके ऊपर जल से भरा एक कलश रखें,
कलश में एक सुपारी, एक चांदी का सिक्का और एक फूल डालें।
आम के पत्ते कलश पर डाल कर उसके ऊपर लाल कपड़े में लपेट कर एक जटा नारियल स्थापित कर दें और उनकी प्रतिमा के समक्ष 7,11 या 21 दीपक जलाएं,
ॐ श्री श्री नमः का 11 बार या एक माला जाप करें,
श्री यंत्र की पूजा करें और इसे उत्तर पूर्व दिशा में रखें इस दिन देवी सूक्त का पाठ अवश्य करें पूजा के अंत में गणेश जी की और मां लक्ष्मी (मां लक्ष्मी को इन चीज़ों का लगाएं भोग) की आरती करें दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी को सिंघाड़ा और अनार का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
कुछ लोग पूजा के दौरान सीताफल को रखना भी शुभ मानते है इस दिन आप पूजा में गन्ना भी रख सकते हैं। भोग के रूप में देवी लक्ष्मी को हलवा और खीर और गणेश जी को लड्डुओं का भोग लगाया जाता है, मित्रों कुछ बातों का विशेष ख्याल रखें जैसे, चटका या टूटा हुआ कांच घर में रखना अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि कांच की टूटी हुई चीजों से घर में निगेटिव एनर्जी आती है ऐसे में अगर आपके घर में भी कहीं खिड़की, बल्ब या फेस मिरर का कांच टूटा हुआ या चटका भी हो तो उसे इस बार दिपावाली की सफाई में बदलवा दें,दीवार पर टांगने वाली घड़ी हो या कलाई में पहनने वाली, इसका बंद होना अशुभ माना जाता है। घड़ी को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है कहा जाता है कि घड़ी के बंद होने से किस्मत भी बंद हो जाती है। अगर आपके घर में भी बंद घड़ी पड़ी हुई है तो उसे दिवाली से पहले बाहर फेंक दें, घर में कभी भी देवी देवताओं की टूटी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए,माना जाता है कि ऐसी मूर्तियां घर में दुर्भाग्य लाती हैं ऐसे में अगर आपके घर में भी टूटी या पूरानी मूर्तियां हैं तो इस दिवाली सफाई करने के साथ ही भगवान की नई मूर्ति घर के मंदिर में स्थापित करें और पुरानी मूर्ति को कहीं विसर्जित कर दें, अगर आपने घर में फटे-पुराने जूते चप्पल को अभी तक रखा है तो दिवाली की सफाई करते समय उन्हें बाहर निकाल दें कहा जाता है कि फटे जूते और चप्पल घर में नकारात्मकता और दुर्भाग्य लाते हैं, ऐसा माना जाता है कि रसोई में कभी भी टूटे हुए बर्तन नहीं रखने चाहिए और न ही किसी को टूटे बर्तन में खाना परोसना चाहिए टूटे बर्तनों को घर में रखना अशुभ माना जाता है ऐसे बर्तनों में खाना खाने से घर में दरिद्रता बढ़ती है। तो इस दिवाली सफाई के दौरान अपने घर से टूटे या चटके हुए बर्तनों को बाहर निकाल दें नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी, इस दिन मां लक्ष्मी जी और बाबा गणेश जी की पुजा विधी के बाद आप निशाकाल को अपने आराध्य देव या देवी का जाप हवन कर सकते हैं और अपने जपे हुये मंत्रो और गुरू मंत्र का पुनश्चरण कर सकते हैं हवन जप के साथ अपनी गुरू क्रिया को भी दुहरा सकते हैं ,, अपने आस पास कोई दिव्य स्थान हो तो वहां भी इन पांच दिनों तक रोज दीपक जलाये इनके अलावा पीपल , आंवला,समी, वटवृक्ष, के जड़ों में दीपक जलाये और अपने परिवार के लिए खुशहाली की कामना करे ध्यान रहे यह सभी क्रियाएं निशाकाल में हो 🌹🙏🏻
जय मां जय हो बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🌹🙏🏻
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