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Sunday 31 October 2021

धनतेरस का पुजा विधान कैसे करें

 जय मां बाबा की मित्रों इस बार कुछ लेट पोस्ट कर रहे हैं सनातन धर्म में दिपावली का बहुत बड़ा महत्व होता है पर इस से दो दिन में पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में धनतेरस और दीपावली दोनों ही आती है इस बार धनतेरस मंगलवार 2 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा,


मित्रों सनातन धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब प्रभु धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ माना  जाता है इस तिथि को धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं इस दिन बर्तन (पीतल चांदी सोना और ताम्बे के)और गहने आदि की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है मित्रों इस दिन भी क्यों होती है महालक्ष्मी की पूजा- कहते हैं कि धनतेरस के दिन प्रभु धन्वंतरि जी और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है इस दिन प्रभु कुबेर जी की पूजा की भी विधान है और इसी दिन से आप छतीस यक्षिणीयों में से किसी भी यक्षिणी की साधना शुरू कर सकते हैं क्योंकि प्रभु कुबेर जी को यक्षराज भी कहां जाता है यानि अधिपति देवता,

मित्रों आईये जानते हैं धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त- और पुजा विधान

धनतेरस तिथि 2021- 2 नवंबर, मंगलवार

धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक।

प्रदोष काल- शाम 05:39 से  20:14 बजे तक।

वृषभ काल- शाम 06:51 से 20:47 तक।

धनतेरस पूजा विधि-

1. सबसे पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं

2. अब गंगाजल छिड़कर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें

3. भगवान के सामने देसी घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं

4. अब देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें

5. अब आपने इस दिन जिस भी धातु या फिर बर्तन अथवा ज्वेलरी की खरीदारी की है, उसे चौकी पर रखें

6. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें

7. धनतेरस की पूजा के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें और मिठाई का भोग भी लगाएं

धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के समय घी का दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं. पूजा करते समय “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें. फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें. और मिट्टी का दीपक जलाएं. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाएं,

जय मां जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🌹🙏🏻

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