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Sunday, 31 October 2021

धनतेरस पर क्या करें क्या ना करें,

 मित्रों धनतेरस पर क्या करें क्या ना करें उपाय और टोटके,

मित्रों इस धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग ब


न रहा है ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि इस योग में जो भी कार्य करते हैं, उसका तिगुना फल प्राप्त होता है इसलिए इस दिन कोई भी बुरा कार्य करने से बचना चाहिए वहीं इस दिन यदि शुभ कार्य करते हैं तो उसका भी तीन गुना फल प्राप्त होगा इसलिए इस दिन आप धन का निवेश करके लाभ कमा सकते है  शेयर बाजार में निवेश करके भी इस दौरान लाभ अर्जित कर पाएंगे स्वर्ण और चांदी धातु में निवेश करना भी शुभ होगा, इस धनतेरस के दिन एक अन्य शुभ संयोग 3 ग्रहों ने मिलकर बनाया है सूर्य, मंगल और बुध ग्रह धनतेरस के दिन तुला राशि में गोचर करेंगे  बुध और मंगल मिलकर एक धन योग का निर्माण करते हैं, वहीं सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण होगा इस योग को राजयोग की श्रेणी में भी रखा गया है। वहीं यह योग तुला राशि में बन रहा है, जो व्यापार की कारक राशि मानी जाती है मंगल-बुध की युति को व्यापार के लिए बहुत शुभ माना जाता है इसलिए कारोबारी इस दिन निवेश करके या नयी योजनाओं को लागू करके आने वाले समय में आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं, मित्रों इस धनतेरस पर भौम प्रदोष व्रत भी है, इस दिन भगवान शिव और हनुमानजी की पूजा आराधना करना भी बहुत शुभ माना जाता है भौम प्रदोष व्रत के साथ धनतेरस के दिन 11 बजकर 31 मिनट के बाद चतुर्दशी तिथि है माना जाता है कि चतुर्दशी तिथि को ही हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए धनतेरस पर इसे भी शुभ संयोग माना जा रहा है हालांकि हनुमान जयंती 3 तारीख को मनाई जाएगी क्योंकि 3 तारीख को 9 बजे के बाद से चतुर्दशी तिथि लग रही है हालांकि सूर्योदय काल में चतुर्दशी तिथि नहीं होने के कारण इस बार चतुर्दशी तिथि का क्षय हो गया है धनतेरस पर बुध संक्रांति

धनतेरस के दिन बुध ग्रह का गोचर तुला राशि में होने वाला है, इसलिए इस दिन को बुध संक्रांति के रूप में भी जाना जा रहा है। बुध को ज्योतिष विज्ञान में व्यापार और बुद्धि का कारक ग्रह माना जाता है वहीं तुला राशि व्यापार और कारोबार से संबंधित राशि मानी गई हैं इसलिए धनतेरस के दिन बुध के गोचर को कारोबारियों के लिए बहुत शुभ माना जा रहा है,

इस दिन क्या करे क्या ना करें

नहीं तो हो सकता है नुकसान

धनतेरस पर बन रहे इन शुभ संयोगों में अगर निवेश करें या नई योजनाएं बनाएंगे तो फायदा मिल सकता है इसके साथ ही इस दिन दान पुण्य करने से भी सकारात्मक फल मिल सकते हैं लेकिन गलती से भी आर्थिक मामलों में कोई गलत निर्णय न लें नहीं तो नुकसान भी हो सकता है

मित्रों इस दिन उपवास रहकर यमराज की कथा का श्रवण भी करते हैं। आज से ही तीन दिन तक चलने वाला गो-त्रिरात्र व्रत भी शुरू होता है,

1 ,इस दिन धन्वंतरि जी का पूजन करें,

 2, नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें,

3,सायंकाल दीपक प्रज्वलित कर घर, दुकान आदि को श्रृंगारित करें,

 4,मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं,

5, यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करते हैं

 6, हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें

 7, कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआं, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं,

 8,कुबेर पूजन करें। शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गादी बिछाएं अथवा पुरानी गादी को ही साफ कर पुनः स्थापित करें। पश्चात नवीन वस्त्र बिछाएं,

 9,सायंकाल पश्चात तेरह दीपक प्रज्वलित कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें,

 10,निम्न ध्यान मंत्र बोलकर भगवान कुबेर पर फूल चढ़ाएं -

 श्रेष्ठ विमान पर विराजमान, गरुड़मणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुंदिल शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मैं ध्यान करता हूं,

 इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करें -

 'यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये 

धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।' 

 इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मंत्र पुष्पांजलि अर्पित करें,

 11,यम के निमित्त दीपदान करें,

 12,तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें

 13,पश्चात गंध, पुष्प, अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके यम से निम्न प्रार्थना करें-

 'मृत्युना दंडपाशाभ्याम्‌ कालेन श्यामया सह। 

त्रयोदश्यां दीपदानात्‌ सूर्यजः प्रयतां मम। 

 अब उन दीपकों से यम की प्रसन्नता के लिए सार्वजनिक स्थलों को प्रकाशित करें

14,धनतेरस या दीपावली की शाम को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और उसके बाद मां लक्ष्मी के चरणों में सात लक्ष्मीकारक कौडिय़ां रखें, आधी रात के बाद इन कौडिय़ों को घर के किसी कोने में गाड़ दें इस प्रयोग से शीघ्र ही आर्थिक उन्नति होने के योग बनेंगे

14, धन लाभ चाहने वाले लोगों के लिए कुबेर यंत्र मंत्र अत्यन्त सफलतादायक है, एक बार फिर से देख लिजिए धनतेरस या दीपावली के दिन बिल्व-वृक्ष के नीचे बैठकर इस यंत्र को सामने रखकर कुबेर मंत्र को शुद्धता पूर्वक जाप करने से यंत्र सिद्ध होता है तथा यंत्र सिद्ध होने के पश्चात इसे गल्ले या तिजोरी में स्थापित किया जाता है। इसके स्थापना के पश्चात् दरिद्रता का नाश होकर, प्रचुर धन व यश की प्राप्ति होती हैमंत्रऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन्य धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि में देहित दापय स्वाहा

16, धनतेरस या दीपावली पर महालक्ष्मी यंत्र का पूजन कर विधि-विधान पूर्वक इसकी स्थापना करें यह यंत्र धन वृद्धि के लिए अधिक उपयोगी माना गया है। कम समय में ज्यादा धन वृद्धि के लिए यह यंत्र अत्यन्त उपयोगी है इस यंत्र का प्रयोग दरिद्रता का नाश करता है यह स्वर्ण वर्षा करने वाला यंत्र कहा गया है इसकी कृपा से गरीब व्यक्ति भी एकाएक अमीर बन सकता है

17, पुराने चांदी के सिक्के और रुपयों के साथ कौड़ी रखकर उनका लक्ष्मी पूजन के समय केसर और हल्दी से पूजन करें पूजा के बाद इन्हे तिजोरी में रख दें इस उपाय से बरकत बढ़ती है,

18, धनतेरस या दीपावली की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर किसी लक्ष्मी मंदिर में जाएं और मां लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करें और सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं मां लक्ष्मी से धन संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। कुछ ही समय में आपकी समस्या का समाधान हो सकता है,

19,धनतेरस या दीपावली की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें, साथ ही दीए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें, इस उपाय से भी धन का आगमन होने लगता है,

21, धनतेरस या दीपावली को विधिवत पूजा के बाद चांदी से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को घर के पूजा स्थल पर रखना चाहिए, इसके बाद प्रतिदिन इनकी पूजा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होती और घर में सुख-शांति भी बनी रहती है,

21, श्रीकनकधारा धन प्राप्ति व दरिद्रता दूर करने के लिए अचूक यंत्र है इसकी पूजा से हर मनचाहा काम हो जाता है यह यंत्र अष्टसिद्धि व नवनिधियों को देने वाला है इसका पूजन व स्थापना भी धनतेरस या दीपावली के दिन करें,और 

नमक : धनतेरस पर नमक का नया पैकेट खरीदें। खाना बनाने में नया नमक ही प्रयोग करें। इससे धन की आवक में वृद्धि होगी। घर के उत्तर पूर्व कोने में थोड़ा सा नमक कटोरी अथवा छोटी डिब्बी में डालकर रख सकते हैं। इससे घर की नकारात्मकता खत्म होगी और धनागमन के साधन बनने लगेंगे।

साबुत धनिया : धनतेरस के दिन साबुत धनिया खरीदें। पूरी रात लक्ष्मी जी के सामने साबुत धनिया रखा रहने दें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिए को गमले में बो दें। यह जब उगेगा तो हमारी आर्थिक स्थिति का संकेत देगा। अगर धनिए से हरा-भरा स्वस्थ पौधा निकले तो आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहती है। अगर धनिए का पौधा पतला है तो सामान्य आय होती है। पीला व बीमार पौधा निकले या पौधा नहीं निकले तो आर्थिक परेशानियां आती हैं।  

कौड़ी : धनतेरस के दिन कौड़ी खरीद कर घर लाएं और अपार धन प्राप्ति हेतु धनतेरस की रात्रि उनका षडोषोपचार पूजन कर केसर से रंगकर कौड़ियां पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। आश्चर्यजनक रूप से घर में धन का आगमन होगा, कमल गट्टे : घी में कमल गट्टे मिलाकर लक्ष्मी को प्रसाद चढ़ाने से व्यक्ति राजा जैसा जीवन जीता है। इसके अतिरिक्त 108 कमल गट्टों की माला लक्ष्मी जी पर चढ़ाने से व्यक्ति को स्थिर लक्ष्मी प्राप्त होती है। धन और बरकत के लिए कमल गट्टे की माला घर में रखें।गांठ वाली पीली हल्दी :  धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त देखकर बाजार से गांठ वाली पीली हल्दी अथवा काली हल्दी को घर लाएं। इस हल्दी को कोरे कपड़े पर रखकर स्थापित करें तथा षडोशपचार से पूजन करें।मिट्टी के तीन बड़े दीपक भी जरूर खरीदें. इन्हीं के प्रयोग से दिवाली की पूजा होगी. एक बड़ा मुख्य दीपक होगा जो मां लक्ष्मी को समर्पित होगा. दूसरा बड़ा सरसों के तेल का दीपक मां काली के लिए होगा. जबकि तीसरा दीपक तिरछा करके सरसों के तेल वाले दीपक के ऊपर रखा जाएगा, ताकि उसमें रात भर काजल बन सके.गोमती चक्र एक विशेष प्रकार का पत्थर है, जिसके एक तरफ चक्र की तरह आकृति बनी होती है. यह कई रंगों का होता है. इसमें सफेद रंग का गोमती चक्र सबसे महत्वपूर्ण है. यह रत्न की तरह अंगूठी में भी पहना जाता है. धनतेरस पर कम से कम पांच गोमती चक्र खरीदें. दिवाली के दिन गोमती चक्र मां लक्ष्मी को अर्पित किया जाएगा. इसके बाद अगले दिन उसे धन के स्थान पर रख दें.कौड़ी एक समुद्री जीव का एक खोल है. धन प्राप्ति के लिए और धन के रूप में इसका प्रयोग प्राचीन काल से होता रहा है. धनतेरस पर कम से कम पांच कौड़ी जरूर खरीदें. दिवाली के दिन इन कौड़ियों से विशेष पूजा करें. इससे अविवाहितों का विवाह होगा और कर्ज की समस्या से मुक्ति मिलेगी.झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस पर दो झाड़ू जरूर खरीदें. इनका प्रयोग दिवाली की पूजा के बाद अगले दिन से करें. पुरानी झाड़ू को दिवाली के अगले दिन घर से बाहर कर दें. धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से वर्ष भर स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा. घर से पुरानी झाड़ू निकाल देने से नकारात्मक ऊर्जा निकल जाएगी.इस दिन धनिया के बीज खरीदने की भी परंपरा होती है. धनतेरस पर धनिया खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इसे समृद्धि का प्रतीक बताया गया है. लक्ष्मी पूजा के समय धनिया के बीज लक्ष्मी मां को चढ़ाएं और पूजा के बाद किसी बर्तन या बगीचे में धनिया के बीज बो दें. कुछ बीज गोमती चक्र के साथ अपनी तिजोरी में रखें.धनतेरस के दिन विवाहित महिलाओं को सोलह श्रृंगार का तोहफा देना शुभ माना जाता है. इसके अलावा लाल रंग की साड़ी और सिंदूर देना भी अच्छा माना जाता है. इससे भी लक्ष्मी मां प्रसन्न होती हैं.

और अब इस दिन क्या नहीं करना चाहिए,

सनातन धर्म शास्त्र के और सनातन धर्म के जानकारो के अनुसार,जो नहीं करना चाहिए,

स्टील से बनी चीजें- धनतेरस के दिन बहुत से लोग स्टील के बर्तन घर ले आते हैं, जबकि इन्हें खरीदने से बचना चाहिए. स्टील शुद्ध धातु नहीं है. इस पर राहु का प्रभाव भी ज्यादा होता है. आपको सिर्फ प्राकृतिक धातुओं की ही खरीदारी करनी चाहिए. मानव निर्मित धातु में से केवल पीतल खरीदा जा सकता है.

एल्यूमिनियम का सामान- धनतेरस पर कुछ लोग एल्यूमिनियम के बर्तन या सामान भी खरीद लेते हैं. इस धातु पर भी राहु का प्रभाव अधिक होता है. एल्यूमिनियम को दुर्भाग्य का सूचक माना गया है. त्योहार पर एल्यूमिनियम की कोई भी नई चीज घर में लाने से बचें.

लोहे की वस्तुएं-  मित्रों ज्योतिष शास्त्र अनुसार, लोहे को शनिदेव का कारक माना जाता है. इसलिए लोहे से बनी चीजों को धनतेरस पर भूलकर भी खरीदने की गलती न करें. ऐसा करने से त्योहार पर धन कुबेर की कृपा नहीं होती है. नुकीली या धारदार चीजें- धनतेरस के दिन धारदार वस्तुएं खरीदने से बचें. इस दिन चाकू, कैंची, पिन, सूई या कोई धारदार सामान खरीदने से सख्त परहेज करना चाहिए. धनतेरस पर इन चीजों को खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. प्लास्टिक का सामान- धनतेरस पर कुछ लोग प्लास्टिक की बनी चीजें घर ले आते हैं. बता दें कि प्लास्टिक बरकत नहीं देता है. इसलिए धनतेरस पर प्लास्टिक से बना किसी भी तरह का सामान घर न लेकर आएं. चीनी मिट्टी के बर्तन- धनतेरस पर सेरामिक (चीनी मिट्टी) से बने बर्तन या गुलदस्ता आदि खरीदना से बचना चाहिए. इन चीजों में स्थायित्व नहीं रहता है, जिससे घर में बरकत की कमी रहती है. इसलिए सेरामिक से बनी चीजें बिल्कुल न खरीदें. कांच के बर्तन- धनतेरस पर कुछ लोग कांच के बर्तन या दूसरी चीजें खरीदते हैं. कांच का संबंध राहु से माना जाता है, इसलिए धनतेरस के दिन इसे खरीदने से बचना चाहिए. इस दिन कांच की चीजों का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. काले रंग की चीजें- धनतेरस के दिन काले रंग की चीजों को घर लाने से बचना चाहिए. धनतेरस एक बहुत ही शुभ दिन है, जबकि काला रंग हमेशा से दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है. इसलिए धनतेरस पर काले रंग की चीजें खरीदने से बचें. खाली बर्तन घर ना लाएं- धनतेरस के दिन यदि आप कोई बर्तन या इस्तेमाल करने का सामान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसे घर में खाली न लेकर आएं. घर में बर्तन लाने से पहले इसे पानी, चावल या किसी दूसरी सामग्री से भर लें.

मिलावटी चीजें- धनतेरस के दिन यदि आप तेल या घी जैसी चीजें खरीदने जा रहे हैं तो थोड़ा सतर्क रहिए. ऐसी चीजों में मिलावट हो सकती है और इस दिन अशुद्ध चीजें खरीदने से बचना चाहिए. धनतेरस पर अशुद्ध तेल या घी के दीपक ना जलाएं.

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