साल 2021 में कब कब है ग्रहण
चंद्रग्रहण 26 मई जो निकल चूका है और दुसरा 19 नवंबर 2021 को,
सूर्य ग्रहण जो आने वाला है ,10 जून और दुसरा और अंतिम सुर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को,
मित्रों साल 2021 का सूर्य ग्रहण लगने में कुछ ही दिन शेष रह गया है पंचांग और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वर्ष 2021 में दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगने हैं, आइए जानते हैं कि यह कब लगेगा और किन देशों में दिखाई देगा 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को लगेगा, जो हमें उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग तथा यूरोप और एशिया में आंशिक तौर पर दिखाई देगा, इसके अलावा उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में यह पूर्ण रूप से नजर आएगा ,अगर भारत की बात करें तो यह आंशिक रूप में ही दिखाई देगा ,साल 2021 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगेगा, इस ग्रहण का असर अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा हालांकि, भारत में सूर्य ग्रहण का असर शून्य होगा, ऐसे स्थिति से भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा,
इस साल 26 मई को पहला चंद्र ग्रहण था यह पूर्ण चंद्र ग्रहण था यह भारत में एक उपछाया ग्रहण के तौर पर देखा गया, जबकि पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में पूर्ण चंद्र ग्रहण था इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को दोपहर करीब 11.30 बजे लगेगा, जो कि शाम 05 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। यह भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा, और 10 जून गुरूवार को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, सूर्यग्रहण 10 जून को लगेगा ,यह ग्रहण ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर लग रहा है ,यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, ग्रहण दोपहर 01:42 बजे से शुरू होगा जो शाम 06:41 बजे समाप्त होगा, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा,
मित्रों कितने प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण,
1. पूर्ण सूर्य ग्रहण
जब चन्द्रमा पृथ्वी के बेहद पास रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। इससे चन्द्रमा पूर्ण रूप से पृ्थ्वी को अपनी छाया क्षेत्र में ले पाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृ्थ्वी तक नहीं पहुंच पाता है और पूरी धरती अंधकारमय हो जाती है, इसे ही पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है,
2. आंशिक सूर्य ग्रहण,
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा कुछ इस प्रकार आए कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई दे इसके परिणाम स्वरुप चन्द्रमा, सूर्य के कुछ ही हिस्से को अपनी छाया क्षेत्र से ढक पाता है, इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है,
3. वलयाकार सूर्य ग्रहण,
जब चन्द्रमा पृथ्वी से काफी दूर होने के बाद भी पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है यह सूर्य को इस तरह से ढक देता है कि सूर्य का केवल बीच का हिस्सा ही चंद्रमा के छाया क्षेत्र में आ पाता है और जब हम पृथ्वी से देखते हैं तो सूर्य पूरी तरह के ढका हुआ दिखाई नहीं देता है यह कंगन या वलय के रूप में दिखाई देता है इसे ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी,
इस ग्रहण में सूतक लगेगा या नहीं,और क्या ना करें और क्या करे सुतक काल में और क्या सावधानियां बरतें,
भारत में दिखाई न देने के कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा ग्रहण काल में सूतक का विचार किया जाता है, इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है, सूर्य ग्रहण का महत्व
ग्रहण एक अशुभ घटना होती है इसलिए ग्रहण में कई चीजों का विचार किया जाता है हिन्दू धार्मिक आस्था केन्द्रों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं लोग ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए गंगा जैसी पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं पूजा पाठ एवं अन्य प्रकार के मंगल अनुष्ठान रुक जाते हैं पर ग्रहण काल के दौरान तंत्रोकित और गुरु, इष्ट मंत्रो का जाप हवन ज़ारी रहता है, जब ग्रहण समाप्त होता है तो गंगा जल से घरों, मंदिरों, मूर्तियों को शुद्ध किया जाता है ताकि उनके ऊपर से ग्रहण की अशुभ छाया दूर हो जाए, सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां ,सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है विशेषकर गर्भवती महिलाओं को, उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही उन्हें चाकू छुरी या नुकीली चीजों का प्रयोग करना चाहिए, कहा जाता है कि इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु के ऊपर पड़ता है ग्रहण काल के दौरान भोजन इत्यादि करना भी वर्जित है और मल मुत्र का त्याग करना भी वर्जित होता है, पर बिमार ,बुढ्ढे ,बच्चों के लिए सब माफ है,इस सूर्य ग्रहण के बाद स्नान, दान और मंत्र जाप करना विशेष फलदायी रहेगा, नादान बालक की कलम से आज बस इतना ही बाकी फिर कभी मित्रों ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो ग्रहण भारत में दिखाई देगा उसका सूतक काल भी भारत में मान्य होगा, इसके साथ ही इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष असर जनमानस पर भी पडेगा इस ग्रहण का देश की राजनीति पर भी असर होगा, यूद्ध के आसार और महामारी का असर बना रहेगा कई राशियों होगी मालामाल तो कई राशियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है , वाहन चलाते समय सावधानी रखें और अपना और अपनो का ख्याल रखें, रोजना पीपल में जल दें चमेली या घी का दीपक जलाएं बाबा हनुमान जी की चालीसा और बाबा शनि महाराज की चालीसा और मुलमंत्र का जाप करें, बाकी आगे जैसी मां बाबा की कृपा और इच्छा,🙏🏻🌹
जय मां जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश 🙏🏻🌹
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