आध्यात्मिक मे आप अपने गुरु का सम्मान करते है बहुत अच्छा है गुरु मान रखते है प्रणाम करते है
वो भी बहुत अच्छा है ये केवल मान सम्मान की बात नही है ये आपके गुरु तत्व की बात है आपका गुरु तत्व तो उसी दिन जाग्रात हो जाता है जब आप किसी गुरु तूल्य मानते है या समझते है तो उसके मान अपमान का बोध करने लगते है किसी को प्रणाम करना ना करना वो आपकी इच्छा है कोई जबरदस्ती नही है जबरदस्ती से कोई उनके मान अपमान की परिधि से बाहर नही ला सकता पर जहाँ गुरु ओर दादा गुरु मौजूद है तो आपका पहला प्रणाम दादा गुरू का बनता है क्योंकि वहाँ गुरुतत्व जो वो आपके दादा गुरु का होता है फिर गुरु का बाकी जो गुरु तूल्य है उनके बाद आप सभी को सम्मान देने के लिए प्रणाम कर सकते है पर प्रथम गुरु ही होता है बाकी आध्यात्मिक नाम ही मान अपमान से परे होता है गुरु तूल्य का सम्मान किया जाता है पर जबरदस्ती सम्मान नही कराया जा सकता यही सत्य है बाकी जो ग्यान दे वो ही गुरू है जगत मे जबरदस्ती सम्मान की भुख राजनेता को होती है आध्यात्मिक मे गुण मौजूद है तो सम्मान करने वाले कई होंगे राजनेता या राजा भी झुककर प्रणाम करे वो गुण अपने मे मौजूद हो तो बाकी कोई सम्मान करते हो गुरु तुल्य का वो ही काफी है जहाँ अंह की बात हो तो वहाँ आध्यात्मिक नही रहता फकीर नाम ही काफी है सम्मान के लिए आपका गुरु इष्ट आपको समझता है वो ही कृपा आपके लिए काफी है अपने बडो का सम्मान करे गुरु तुल्य का आदर करे ठीक है पर झुकना ना झुकना वो आपके ऊपर है बाकी गुरु तूल्य की निंदा ना करे जो सच मे गुरु मुखी होते है वो किसी भी गुरु या गुरु तूल्य की निंदा नही करते यही सत्य है ।बाकी जैसा आप आदरणिय है विद्धवान है हमसे बेहतर जानकारी रखते है हमारी बातो से कोई सहमत हो या ना हो पर यही सत्य है की जबरदस्ती किसी के मन मे आप अपने लिए मान सम्मान आदर का भाव पैदा नही करवा सकते बाकी आध्यात्मिक मान अपमान इन सभी से परे होता है यह भी सत्य है जहाँ मान सम्मान का भाव हो तो वहाँ किसी फकीरी ओर फकीरी मे मान सम्मान ओर क्या अपमान ओर कैसा आदर आपअपने लिये किसी के दिल मे जगह तो बनाकर देखो अपने लिए आदर के भाव प्रकट करके देखो आपको सब मिलेगा पर जबरदस्ती नही बाकी हमारी बातो से जो सहमत नही है वो इस पोस्ट को नजरअंदाज करे जो सहमत है वो शेयर करे आज बस इतना ही नादान बालक की कलम से बाकी फिर कभी समझो तो यही काफी है नही समझो तो जिंदगी काफी बाकी है
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏻
वो भी बहुत अच्छा है ये केवल मान सम्मान की बात नही है ये आपके गुरु तत्व की बात है आपका गुरु तत्व तो उसी दिन जाग्रात हो जाता है जब आप किसी गुरु तूल्य मानते है या समझते है तो उसके मान अपमान का बोध करने लगते है किसी को प्रणाम करना ना करना वो आपकी इच्छा है कोई जबरदस्ती नही है जबरदस्ती से कोई उनके मान अपमान की परिधि से बाहर नही ला सकता पर जहाँ गुरु ओर दादा गुरु मौजूद है तो आपका पहला प्रणाम दादा गुरू का बनता है क्योंकि वहाँ गुरुतत्व जो वो आपके दादा गुरु का होता है फिर गुरु का बाकी जो गुरु तूल्य है उनके बाद आप सभी को सम्मान देने के लिए प्रणाम कर सकते है पर प्रथम गुरु ही होता है बाकी आध्यात्मिक नाम ही मान अपमान से परे होता है गुरु तूल्य का सम्मान किया जाता है पर जबरदस्ती सम्मान नही कराया जा सकता यही सत्य है बाकी जो ग्यान दे वो ही गुरू है जगत मे जबरदस्ती सम्मान की भुख राजनेता को होती है आध्यात्मिक मे गुण मौजूद है तो सम्मान करने वाले कई होंगे राजनेता या राजा भी झुककर प्रणाम करे वो गुण अपने मे मौजूद हो तो बाकी कोई सम्मान करते हो गुरु तुल्य का वो ही काफी है जहाँ अंह की बात हो तो वहाँ आध्यात्मिक नही रहता फकीर नाम ही काफी है सम्मान के लिए आपका गुरु इष्ट आपको समझता है वो ही कृपा आपके लिए काफी है अपने बडो का सम्मान करे गुरु तुल्य का आदर करे ठीक है पर झुकना ना झुकना वो आपके ऊपर है बाकी गुरु तूल्य की निंदा ना करे जो सच मे गुरु मुखी होते है वो किसी भी गुरु या गुरु तूल्य की निंदा नही करते यही सत्य है ।बाकी जैसा आप आदरणिय है विद्धवान है हमसे बेहतर जानकारी रखते है हमारी बातो से कोई सहमत हो या ना हो पर यही सत्य है की जबरदस्ती किसी के मन मे आप अपने लिए मान सम्मान आदर का भाव पैदा नही करवा सकते बाकी आध्यात्मिक मान अपमान इन सभी से परे होता है यह भी सत्य है जहाँ मान सम्मान का भाव हो तो वहाँ किसी फकीरी ओर फकीरी मे मान सम्मान ओर क्या अपमान ओर कैसा आदर आपअपने लिये किसी के दिल मे जगह तो बनाकर देखो अपने लिए आदर के भाव प्रकट करके देखो आपको सब मिलेगा पर जबरदस्ती नही बाकी हमारी बातो से जो सहमत नही है वो इस पोस्ट को नजरअंदाज करे जो सहमत है वो शेयर करे आज बस इतना ही नादान बालक की कलम से बाकी फिर कभी समझो तो यही काफी है नही समझो तो जिंदगी काफी बाकी है
जय माँ जय बाबा महाकाल जय श्री राधे कृष्णा अलख आदेश
🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹🙏🏻
No comments:
Post a Comment