हर सुबह यह देवी मंत्र बोलने से काम होंगे सफल
इनमें ही हिन्दू वर्ष का पहला महीना चैत्र भी प्रमुख हैं। इसी माह के शुक्ल पक्ष की शुरूआत देवी भक्ति की 9 शुभ रातों यानी नवरात्रि से …होती है और यह काल हर मनोरथ पूरा करने वाला माना गया है।
यही वजह है कि पूरे चैत्र माह ही हर सुबह ही देवी स्मरण हर काम व मकसद सफल बनाने वाला माना गया है। ये सफलताएं इंसान को कई तरह से संकल्प, कर्म व कर्तव्य से जोड़कर जीवन में उजागर होती है। दरअसल, इंसानी जीवन की अहम इच्छाओं में एक है – सफलता, जिसे पाने के लिए बेहद जरूरी है – ज्ञान।
ज्ञानशक्ति ही मन को संकल्पित और चरित्र को उजला बनाकर कामयाबी के शिखर तक पहुंचाती है। इसके लिए
देवी उपासना के विशेष मंत्र जप का पूरे चैत्र माह में सवेरे बोलने का खास महत्व है।
अगर आप भी ज्ञान और कौशल से सफल व शक्ति संपन्न बनना चाहते हैं तो इस देवी मंत्र का स्मरण देवी के नीचे बताए तरीके से पूजा के बाद स्फटिक की माला से यथाशक्ति या 108 बार जरूर करें –
- स्नान के बाद देवी मंदिर या घर में देवी प्रतिमा की कुंकुम, फूल, अक्षत, लाल सूत्र व लाल वस्त्र चढ़ाकर मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद मंदिर में ही दीप जलाकर आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठें और यह मंत्र ध्यान करें –
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।
- मंत्र ध्यान के बाद देवी आरती करें और सुख व सबलता की प्रार्थना करें।
आपको हर काम मे मिलेगी सफलता बस विश्वास आपका यही सत्य है,,,
हिन्दू धर्म परंपराओं में जगतजननी देवी दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप कामनासिद्धि के लिए पूजनीय हैं। वैसे तो हर दिन ही देवी स्मरण के जरिए मातृशक्ति का आवाहन शक्ति संपन्न बनाने में मददगार होता है, किंतु हिंदू धर्मशास्त्रों में देवी उपासना के विशेष काल बड़े ही शुभ व मंगलकारी माने गए हैं।
इनमें ही हिन्दू वर्ष का पहला महीना चैत्र भी प्रमुख हैं। इसी माह के शुक्ल पक्ष की शुरूआत देवी भक्ति की 9 शुभ रातों यानी नवरात्रि से …होती है और यह काल हर मनोरथ पूरा करने वाला माना गया है।
यही वजह है कि पूरे चैत्र माह ही हर सुबह ही देवी स्मरण हर काम व मकसद सफल बनाने वाला माना गया है। ये सफलताएं इंसान को कई तरह से संकल्प, कर्म व कर्तव्य से जोड़कर जीवन में उजागर होती है। दरअसल, इंसानी जीवन की अहम इच्छाओं में एक है – सफलता, जिसे पाने के लिए बेहद जरूरी है – ज्ञान।
ज्ञानशक्ति ही मन को संकल्पित और चरित्र को उजला बनाकर कामयाबी के शिखर तक पहुंचाती है। इसके लिए
देवी उपासना के विशेष मंत्र जप का पूरे चैत्र माह में सवेरे बोलने का खास महत्व है।
अगर आप भी ज्ञान और कौशल से सफल व शक्ति संपन्न बनना चाहते हैं तो इस देवी मंत्र का स्मरण देवी के नीचे बताए तरीके से पूजा के बाद स्फटिक की माला से यथाशक्ति या 108 बार जरूर करें –
- स्नान के बाद देवी मंदिर या घर में देवी प्रतिमा की कुंकुम, फूल, अक्षत, लाल सूत्र व लाल वस्त्र चढ़ाकर मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद मंदिर में ही दीप जलाकर आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठें और यह मंत्र ध्यान करें –
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।
- मंत्र ध्यान के बाद देवी आरती करें और सुख व सबलता की प्रार्थना करें।
आपको हर काम मे मिलेगी सफलता बस विश्वास आपका यही सत्य है,,,
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